– Following the offer of Dewan Todar Mall Heritage Foundation, a high-level delegation headed by President Dhami will visit America soon-
Amritsar (Lamba, Bhangu)- A high-level delegation of the Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee will soon go to America to set up its printing press for printing the sacred images of Sri Guru Granth Sahib Ji in the city of Tracy in the state of California, USA. This delegation will be led by Shiromani Committee President Advocate Harjinder Singh Dhami. The Inner Committee of the Shiromani Committee has recently decided to set up its own printing press in the city of Tracy, California. According to the information received, in this regard Bhai Lakhwinder Singh Kahneke associated with Dewan Todar Mall Heritage Foundation, Founder President of World Sikh Organization S. Gyan Singh Sandhu, a wealthy Sikh living in Canada and America, Colonel Singh Sandhu, made all arrangements for the printing of the Guru Granth at Tracy by the Sromani Committee. This decision has been taken after the offer was made.
Shiromani Committee President Harjinder Singh Dhami said that for a long time there has been a huge demand for the holy images of Guru Granth Sahib from the congregation of America and Canada, considering which it has been decided to set up a printing press. He said that this center of the Shiromani Committee to be established in Tracy, California will not only print holy forms, but it will also represent the Shiromani Committee for America and Canada. This center will be functioning under the leadership of Sri Akal Takht, whose service will be conducted by S Gian Singh Sandhu, Karnail Singh Sandhu, Satnam Singh Sandhu and Iqbal Singh Sandhu. He said that the delegation of the Shiromani Committee will soon go to America to decide the outline of this entire project and take other necessary action. This delegation will include members and officers along with him. Mr. Dhami said that this delegation of the Shiromani Committee will also go to Yuba City, where the process of establishing a Dharma Prachar Kendra is already underway.
Meanwhile, Gyan Singh Sandhu, who is currently running an organization named Guru Nanak Institute of Global Studies, while talking to Des Prades, has confirmed the said disclosure made by the Sromani Committee President. He said that keeping in mind the great demand and need of the Sikhs living in North America and respect for the Guru Granth Sahib, the rich Sikh of America, Colonel Singh Sandhu, has donated land, construction of a building, printing press to establish a center for the printing of the Guru Granth Sahib. The responsibility of planting has been taken. The arrangement and supervision of the printing of the versions of Guru Granth Sahib will be done by the Sromani Gurdwara Parbandhak Committee itself.
वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उनके साथियों को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस का अभियान जारी है.
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को ‘भगोड़ा’ करार दिया है. पुलिस ने बताया है कि अब तक उनके 78 साथी पकड़े जा चुके हैं. पुलिस कार्रवाई में हथियार भी बरामद किए गए हैं.
गिरफ़्तार लोगों में से चार को पुलिस असम के डिब्रूगढ़ लेकर पहुंची है.
पुलिस ने अमृतपाल सिंह के साथियों के पास से आठ रायफल समेत नौ हथियार बरामद किए हैं, जिनमें एक रिवाल्वर भी शामिल है.
पंजाब में प्रशासन ने सोमवार दोपहर 12 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं. कई ज़िलों में धारा 144 लागू है.
इस अभियान की शुरुआत पंजाब पुलिस ने शनिवार को जालंधर से की थी.
इस घटनाक्रम पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रियाएं आई हैं.
अमेरिका और कनाडा की राजनीति में सक्रिय कुछ सिख नेता पंजाब के हालात पर ‘चिंता’ जता रहे हैं और ‘मानवाधिकारों को बचाने’ की अपील कर रहे हैं.
कनाडा-अमेरिका में प्रतिक्रिया
कनाडा में न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह ने आरोप लगाया है कि भारत में ‘नागरिकों के अधिकारों का हनन हो रहा है और पंजाब में इंटरनेट बंद कर दिया गया है.’
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “मैं नागरिक अधिकारों के हनन और बाहर रह रहे कनाडा के लोगों की सुरक्षा को लेकर जस्टिन ट्रूडो (कनाडा के प्रधानमंत्री) और लिबरल सरकार से बात कर रहा हूं कि वे भारतीय समकक्षों से जल्द बात करें और उनके सामने इसे लेकर चिंता व्यक्त करे.”
कनाडा की कंजरवेटिव पार्टी के सांसद टिम एस. उप्पल ने अमृतपाल पर की जा रही कार्रवाई को लेकर ट्वीट किया है.
उन्होंने लिखा,”भारत के पंजाब से आ रही खबरों को लेकर चिंतित हूं. सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया है और कुछ इलाकों में चार से ज्यादा लोगों के एक साथ जमा होने पर पाबंदी लगा दी है. हम पंजाब के हालात पर नजर बनाए हुए हैं.”
क्या है मामला?
शनिवार को पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए जालंधर के शाहकोट इलाके में छापेमारी की थी.
पंजाब पुलिस अब तक ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के 78 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
अमृतपाल सिंह पुलिस की पकड़ से अभी भी बाहर हैं. उनकी तलाश के लिए पुलिस की कई टीमें काम कर रही हैं.
पंजाब के कई जिलों में धारा 144 लागू की गई है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है.
प्रशासन ने सोमवार दोपहर 12 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं.
जगह-जगह पर फ्लैग मार्च निकाला जा रहा है.
कनाडा के मिसिसॉगी-माल्टन से सांसद इकविंदर एस गहीर ने भी पंजाब से आ रही रिपोर्टों पर चिंता जाहिर की है.
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “भारत के पंजाब में बड़े पैमाने पर इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है और चार से ज्यादा लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है. लोकतंत्र में नागरिकों के अधिकार और स्वतंत्रता की सुरक्षा की जानी चाहिए.”
अमेरिका के न्यूयॉर्क में रविवार (19 मार्च) को अमृतपाल सिंह के समर्थन में रैली की गई. इस रैली के लिए जारी पोस्टर में अमृतपाल सिंह को ‘रिहा करने’ की मांग की गई है. हालांकि, अभी अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस की पकड़ से दूर हैं.
साथ ही लोगों से न्यूयॉर्क में 3ई 64 स्ट्रीट पर जमा होने की अपील की गई है.
यूनाइटेड सिख नामक एक संगठन ने ट्वीट किया है, “मानवाधिकार किसी भी लोकतंत्र का आधार होते हैं.”
संगठन ने आरोप लगाया है, “भारतीय राज्य मानवाधिकार उल्लंघन का नया रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है.”
संगठन ने पूछा, “अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी का आधार क्या है?”
अमृतपाल सिंह के खिलाफ कौन-कौन से मामले दर्ज हैं?
पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने बताया है कि ‘वारिस पंजाब दे’ के लोग चार आपराधिक मामलों में शामिल हैं. इनमें समाज में अस्थिरता पैदा करना, पूर्व नियोजित हत्या, पुलिसकर्मियों पर हमला और सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालना शामिल है.
पुलिस ने कहा कि पंजाब के अजनाला थाने पर हमले को लेकर ‘वारिस पंजाब दे’ के लोगों के खिलाफ 24 फरवरी को मुकदमा संख्या 39 दर्ज किया गया था.
अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों ने अपने सहयोगी तूफ़ान सिंह को रिहा कराने के लिए अमृतसर के अजनाला थाने का घेराव किया था.
तब अमृतपाल सिंह अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ थाने पहुँचे थे. इनमें कुछ के पास बंदूकें और तलवारें भी थीं.
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विवादों में रहे हैं अमृतपाल सिंह
अमृतपाल सिंह अपने बयानों और मांगों को लेकर लगातार विवादों में रहे हैं.
अमृतपाल सिंह दावा करते हैं कि खालिस्तान की उनकी मांग “बिल्कुल जायज़ है, क्योंकि सिख भारत में आज़ाद नहीं हैं.”
अपनी दस्तारबंदी के समय उन्होंने कहा, “यह वादा है आपसे कि हमारे शरीर में जो लहू है उसका एक-एक क़तरा आपके चरणों में बहेगा, पंथ की आज़ादी के लिए बहेगा.”
अमृतपाल पर आरोप है कि वो ऐसा कहकर सिखों की भावना को भड़काते हैं. वैसे वो नशे के ख़िलाफ़ भी बहुत बात करते हैं और युवाओं से इसे छोड़ने की बात करते हैं.
एक भाषण में वो महिलाओं को फैशन के पीछे न भागने की सलाह देते सुनाई देते हैं.
वो कहते हैं, “बहनों और महिलाओं से अपील है. जो यह फ़ैशन है, वो आता-जाता रहता है और वो बदलता रहता है. 10 साल पहले पटियाला सूट का फैशन था, वो अब बदल गया, लेकिन महाराज की वाणी 350 साल से चल रही है, वो नहीं बदली.”
पंजाब में पिछले सालों में ऐसी कई घटनाएँ हुई हैं, जहाँ प्रदर्शनकारियों के सामने पुलिसकर्मी बेबस नज़र आए हैं.
कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था, ‘धरना देने का तो चलन बनता जा रहा है. इससे लोगों को परेशानी भी हो रही है.’
अमृतपाल सिंह कौन हैं?
29 साल के अमृतपाल सिंह ‘खालिस्तान समर्थक’ माने जाते हैं. पिछले साल एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिंह सिद्धू की मौत के बाद ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन की कमान संभालने वो दुबई से लौटे थे.
पिछले साल ही अमृतपाल सिंह को दीप सिंह सिद्धू की ओर से गठित संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख चुना गया था.
मशहूर पंजाबी एक्टर दीप सिंह सिद्धू किसान आंदोलन के दौरान चर्चा में आए थे. बाद में एक सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी.
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में अमृतपाल सिंह ने बताया कि उनका जन्म और पालन-पोषण अमृतसर के जादू खेड़ा गांव में हुआ है. उनकी शादी 10 फरवरी 2023 को बाबा बकाला में हुई थी.
निजता का हवाला देते हुए उन्होंने अपनी पत्नी और परिवार के बारे में नहीं बताया और कहा कि मीडिया को भी उनकी निजी जिंदगी में दखल देने से बचना चाहिए.
अमृतपाल सिंह के मुताबिक़ स्कूली शिक्षा के बाद वे रोज़गार की तलाश में दुबई चले गए थे. उनका कहना है कि वे आसानी से लोगों से घुलते-मिलते नहीं हैं और न ही उनके ज़्यादा दोस्त हैं.
एक इंटरव्यू के मुताबिक़, उन्होंने दावा किया कि दुबई में रहते हुए उन्होंने वहां की वो मशहूर इमारतें भी नहीं देखीं, जिन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.
पढ़ाई के बारे में उनका कहना है कि स्कूल के दौरान उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता था और इसके बाद वे दुबई चले गए जिसके बाद उन्हें दोबारा समय नहीं मिला.
हालांकि, एक दूसरे इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज में भी तीन साल बिताए लेकिन कभी इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल नहीं की.
पंजाब पुलिस लगातार चार दिन से वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह की तलाश में लगी है. अब तक अमृतपाल सिंह के ख़िलाफ़ छह एफ़आईआर दर्ज किए गए हैं.
सोमवार को पंजाब पुलिस के पुलिस महानिरीक्षक (हेडक्वॉर्टर) सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि अमृतपाल सिंह के चार सहयोगियों को असम के डिब्रूगढ़ भेजा गया है जबकि एक अन्य हरजीत सिंह भी गिरफ़्तार किए जाने के बाद असम भेजे गए हैं.
पर इन लोगों को पंजाब से इतनी दूर असम क्यों भेजा गया, इस पर किसी भी अधिकारी ने सीधे-सीधे तो कुछ नहीं कहा, लेकिन असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा से जब ये सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कई बार एक राज्य में गिरफ़्तार शख़्स को दूसरे राज्य की जेल में भेजा जाता है.
हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, “असम में भी एक समय गिरफ़्तारी की गई थी तो हमने सुरक्षा कारणों से उन लोगों को बिहार के भागलपुर जेल में भेजा था. शायद पंजाब पुलिस के मन में है कि वो थोड़े दिन असम में रहें, ये दोनों राज्यों की पुलिस के बीच सहयोग का मामला है.”
वहीं सुखचैन सिंह गिल ने बताया, “पांचों अभियुक्तों पर रासुका लगाया गया है. क़ानून के मुताबिक़ पुलिस अभियुक्त को दूसरे राज्य की जेल में भेज सकती है.”
उन्होंने ये भी कहा कि ‘पंजाब में शांतिपूर्ण माहौल है, लोग फ़ेक न्यूज़ ना फैलाएं’.
पुलिस ने अमृतपाल सिंह के जिन पांच सहयोगियों को गिरफ़्तार किया है उनके पास बुलेट प्रूफ़ जैकेट भी मिले हैं. इन जैकेट्स पर एकेएफ़ (आनंदपुर खालसा फ़ौज) लिखा हुआ है. अमृतपाल सिंह के घर के बाहर दरवाज़े पर भी एकेएफ़ ही लिखा है.
आईजी गिल ने कहा कि पंजाब पुलिस इस मामले में विदेशी फ़ंड और आईएसआई के एंगल की जांच भी कर रही है.
कितने लोग गिरफ़्तार
अब आपको वो बातें बताते हैं जो हमें पता हैं. वो अनसुलझे सवाल क्या हैं जिनके जवाब मिलने बाक़ी हैं. साथ ही गिरफ़्तार किए गए लोग कौन हैं जिन्हें अमृतपाल का सहयोगी बताया गया है.
आईजीपी सुखचैन सिंह गिल ने कहा, “अब तक 114 लोगों को कस्टडी में लिया गया है. 78 लोगों को पहले दिन, 34 को दूसरे दिन और 2 लोगों को तीसरे दिन कस्टडी में लिया गया. इन सब पर राज्य में शांति भंग करने का आरोप है.”
दूसरी ओर अमृतपाल सिंह के क़रीबी सहयोगी दलजीत सिंह कालसी और भगवंत सिंह के परिवार वालों ने इन दोनों की गिरफ़्तारी के बारे में बात की है.
अमृतपाल सिंह के मेंटॉर कौन हैं
जालंधर के एसएसपी ग्रामीण स्वर्णदीप सिंह ने अृमतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत सिंह की गिरफ़्तारी का दावा किया है.
ये गिरफ़्तारियां 19-20 मार्च की रात जालंधर के शाहकोट से की गईं.
हरजीत सिंह को अमृतपाल सिंह का चाचा और मेंटॉर बताया गया है. वे दुबई में पेशे से ट्रांसपोर्टर बताए गए हैं.
हरजीत सिंह ने ये दावा किया कि जब पुलिस की टीम अमृतपाल सिंह की गाड़ी का पीछा कर रही थी तब वे उनके साथ थे.
जालंधर पुलिस के मुताबिक़, अमृतपाल सिंह जिस मर्सिडीज़ गाड़ी का उपयोग करते थे, उसे हरजीत सिंह के पास से ज़ब्त किया गया है.
बरामद हथियार और गाड़ियां
पंजाब सरकार और पुलिस अमृतपाल सिंह के बारे में क्या बता रही है?
आईजीपी सुखचैन सिंह गिल के मुताबिक़, अमृतपाल सिंह फ़िलहाल फ़रार हैं और उन्हें गिरफ़्तार करने के लिए छापे मारे जा रहे हैं
अमृतपाल सिंह के सहयोगियों के पास से कितनी गाड़ियां और कितने हथियार बरामद हुए हैं?
आईजी सुखचैन सिंह गिल ने बताया, “अब तक 10 हथियार बरामद किए गए हैं, जिनमें 12 बोर की सात राइफ़ल, 315 बोर की दो राइफ़ल और 32 बोर की एक रिवॉल्वर शामिल है. इसके अलावा 430 ज़िंदा कारतूस भी मिले हैं.”
पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उनके साथियों से जुड़े चार वाहन भी अपने क़ब्जे़ में लिए हैं. इनमें एक मर्सिडीज़ कार, दो एंडेवर और इसुज़ु कार शामिल है.
पुलिस का कहना है कि जो लावारिस इसुज़ु गाड़ी बरामद की गई है उसे अमृतपाल सिंह ने फ़रार होने के लिए इस्तेमाल किया था.
सुखचैन सिंह गिल के मुताबिक़ एक लावारिस कार में 315 बोर की राइफ़ल, तलवार और वॉकी टॉकी मिली थी.
उन्होंने कहा, “हमें शक़ है कि इसमें आईएसआई का एंगल और फ़ॉरेन फ़ंडिंग शामिल है. उसकी जांच चल रही है.”
पुलिस का कहना है कि जो राइफ़लें बरामद की गई हैं उन पर एकेएफ़ लिखा हुआ है जिसका मतलब आनंदपुर खालसा फ़ौज है. इसकी भी जांच की जा रही है.
पंजाब में विरोध प्रदर्शन
पंजाब में ‘क़ौमी इंसाफ़ मोर्चा’ के कुछ कार्यकर्ताओं ने अमृतपाल सिंह पर की गई कार्रवाई के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया. ये प्रदर्शन मोहाली में एयरपोर्ट रोड जाने वाले रास्ते पर किया गया जहां क़रीब 100 लोग इसमें शामिल हुए.
इस प्रदर्शनकारियों ने सड़क के एक भाग को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया. मौक़े पर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई थी.
वहीं कुछ सिख संगठनों ने अमृतपाल सिंह के ख़िलाफ़ की जा रही कार्रवारई को लेकर हरियाणा के करनाल में 21 मार्च को सिखों से एकत्र होने का आह्वान किया है.
चंडीगढ़ के साथ-साथ पंजाब के कई ज़िलों में धारा 144 लगाई गई है. पुलिस ने पंजाब के कई ज़िलों में फ़्लैग मार्च भी किया है.
पंजाब में क़ानून व्यवस्था
अमृतपाल सिंह का मामला पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में है.
कोर्ट में में ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े ईमान सिंह ने याचिका दायर की थी.
इस याचिका में मांग की गई थी कि अमृतपाल को कोर्ट में पेश किया जाना चाहिए. कोर्ट ने पंजाब पुलिस को नोटिस जारी करते हुए इस मामले की सुनवाई 21 मार्च को रखी है.
तमाम स्थितियों के मद्देनज़र राज्य के गृह विभाग ने शनिवार से ही पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट प्रतिबंधित कर दिया है. यह प्रतिबंध 21 मार्च के दोपहर 12 बजे तक जारी रहेगा.
इमेज कैप्शन,अमृतपाल सिंह के सहयोगी की कोर्ट में पेशी
वो सवाल जिसके जवाब मिलने बाकी हैं
पुलिस ने दावा किया कि अमृतपाल सिंह फ़रार हैं.
शनिवार को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में अमृतपाल सिंह के शाहकोट के गुरुद्वारा साहिब में होने की बात बताई गई थी.
लेकिन उसी शाम पुलिस ने बताया कि वो फ़रार हैं. अमृतपाल सिंह के परिवार के सदस्यों ने कहा कि उन्हें उनके (अमृतपाल के) बारे में कोई ख़बर नहीं है. अमृतपाल कहां हैं, ये अब तक स्पष्ट नहीं है.
पंजाब पुलिस ने ये नहीं बताया है कि अमृतपाल सिंह के ख़िलाफ़ पुलिस की कार्रवाई कब तक जारी रहेगी.
पंजाब पुलिस को धार्मिक जगहों ख़ासकर गांवों में गुरुद्वारों के बाहर तैनात किया गया है और लोगों से अफ़वाहों में यक़ीन न करने की अपील की गई है.
जालंधर पुलिस के मुताबिक़, वारिस पंजाब दे के कार्यकर्ता चार आपराधिक मामलों में शामिल थे. इसमें अशांति पैदा करने, इरादतन हत्या करने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने और सरकारी कर्मचारियों को वैध तरीक़े से अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोकने जैसे मामले शामिल हैं.
पुलिस ने ये भी बताया कि अजनाला पुलिस थाने पर हमले के आरोप में वारिस पंजाब दे के कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ 24 फ़रवरी को केस संख्या 39 भी दाख़िल किया गया है.
गिरफ़्तारी को लेकर ख़बरें
स्थानीय और राष्ट्रीय मीडिया में इस पूरे घटनाक्रम पर रिपोर्टिंग की जा रही है. जहां शनिवार को दी गई रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया कि अमृतपाल को गिरफ़्तार कर असम के डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया है.
रविवार की शाम को भी कुछ मीडिया चैनलों ने दावा किया कि अमृतपाल को गिरफ़्तार कर लिया गया है. इससे जुड़ा ट्वीट भी किया गया, लेकिन बाद में उसे डिलीट कर दिया गया.
पंजाब पुलिस ने इन ख़बरों को फ़र्ज़ी बताया है और आम लोगों से शांति और सद्भावना बनाए रखने की अपील की है.